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शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

की आदमी स्यूं किंया बात करणी चाईजै ..

की आदमी स्यूं किंया बात करणी चाईजै  ..

माँ= स्यूं बिन्या भेद ...खुल'र बात करणी

बाप= स्यूं आदर स्यूं बात करणी...

गुरूजी=  स्यूं नजर नीची कर'र बात करणी ...

भगवान=  स्यूं नैण भर'र बात करणी ...

भायां=  स्यूं हियो खोल'र बात करणी ...

बैना=  स्यूं हेत सू बात करणी ...

टाबरा=  स्यूं हुलरा'र बात करणी..

सगा-समधी=  स्यूं सन्मान दे'र बात करणी ...

भायलां= स्यूं हंसी मजाक सू बात करणी...

अफसरा=  स्यूं नम्रता स्यूं बात करणी ...

दुकान हाळै= स्यूं कडक स्यूं बात करणी...

गिराक= स्यूं ईमानदारी स्यूं बात करणी ...
और
*घरवाळी स्यूं ....अं हं हं हं ह ह..*

अठै आतां चेतो राखणो .....
ई, माते-राणी आगै तो चुप ही रेणो ....

नत-मस्तक हू'र सगळी सुण लेणी ...
बोलणूं घातक हुवै ।

फेर भी कोई रै घणी ही बाकड़ चालती हुवै तो...
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आगली-पाछली ..तीन भो की सोच'र बात करणी ...
  

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