सूर्यनगरी या ब्लू सिटी, जोधपुर की साहित्यिक विरासत की मोहक यात्रा में आपका स्वागत है! यह रोमांचक ब्लॉग मारवाड़ी साहित्य, लोक कथाएँ, कविताएँ और लोक रीति-रिवाज़ों को जानने का अवसर प्रदान करता है.
रिपियो
बापड़ी रिपियो रिपियो करती करती ही मर गी । । । । । । । । । । । । । । इया कोनी कहयो कंठा मे फसेडो है
काळी- काळी उमड़ी कांठळ डॉ मदन सिंह राठौड़ काळी- काळी उमड़ी कांठळ, धवळा- धवळा अहो! धोरिया। गुडळा- गुडळा भुरज गहरावै, गैरा - गैर...
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