*एक राजस्थानी हास्य कविता*
दर्द गोडा रो..
संग डोडा रो..
स्कुटर होन्डा रो...
*छानो कोनी रेवै....*
खायडो खिचड...
चिपेडो चिँचड...
आदत को लिचड...
*छानो कोनी रेवै...*
घराँ बाजेडा सोट...
छिटकायडा होठ...
जाटणी रो रोट...
*छानो कोनी रेवै...*
माँगेडा बूँट...
खायडी सूँठ...
पावलो ऊँट...
*छानो कोनी रेवै...*
फौजी की फीँत...
भोपी रो गीत...
झुठी प्रीत...
*छानी कोनी रेवै....*
आँधी आती..
गाँव का बराती..
मतलब को साथी...
*छानो कोनी रेवै....*
भाँग खायडो...
दारू पीयेडो..
अर माँ को बिगाडेडो...
*छानो कोनी रेवै....*
*आर के छंगाणी*
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