जोधपुर री बात - राणीसर री कहोणी
जोधपुर रा जन्मा जाया, जोधपुर में शहर में रेवनवाला हारा लोग रानीसर तालाब ने जाणे है| सब लोग राणीसर रे ओटे रा आनंद ले चुकिया है | जोधपुर में फ़तेहपोल, चाँदबावड़ी, गुन्दी रे मोहल्ले,नव्चोकिया रा रेवन वालो ने ध्योंन है के जिन टेम घनो मेह पड़े जरे ओ राणीसर रो ओटो कित्तो खतरनाक हूजा इने बाले रे कारण घर उ निकलनो मुश्किल हज़ा| मै तो खुद भुगतभोगी हु एक बार टाबरपने में चाँदबावड़ी उ पग फिसलियो ने शान्तिलालजी री दूकान माथे उबा लोग मने पकड़ ने बारे खिंचियो| राणीसर और पदमसर रे ओटे रे बारे में पुराणी कहावत है के " राणीसर पदम्सर हुयग्या ओटे| .....व्यापारी हारा हुयग्या टोटे||
अबे आज बात आ चाली है के रानीसर और पदमसर रा तालाब कुण बनवाया? ने क्यू बनवाया? आप सब ने आ तो ध्योंन वेला इज के मेहरानगढ़ रो किल्लो राव जोधाजी बनवायो| पैली वे किल्लो मसुरिया भाकर माथे बनावन वाला हा पर ऊठे पानी री किल्लत ही इन वास्ते वे किल्लो एक साधू रे केवन माथे इन चिड़ियाटुंक या जिन्हें आपो पचेटिया भाकर भी केवा, माथे बनायो| केवे के इन भाकर माथे एक सिद्ध योगी चिड़ियानाथ जी रो धुनों ने एक कुटिया ही| जिन टेम किल्ले री कोट बनावन वास्ते सैनिक चिड़ियानाथ जी ऊठे उ आपरी कुटिया हटावन वास्ते क्यों तो वे ना दे दियो ने सैनिक जिन टाइम जोर जबरदस्ती करी तो चिड़ियानाथ जी कुपित हु ने श्राप दियो के इन किल्ले में रेवन वालो राजा हमेशा परेशान रेवेला ने किल्ले में रेवन वाला पाणी रे वास्ते तिरसो मरेला ...वो रे ओ केव्ते ही उठे भाकर में बेवन वाली पानी री धार बंद हुई गी...पछे बाद में राजा चिड़ियानाथ जी ने मनावन वास्ते घणी मान मनौवल करी ने व्हारे वास्ते एक आश्रम भी बनवा ने दियो जरे जा ने चिड़ियानाथ जी रो गुस्सो शांत हुयो ने वे खद रे श्राप रो तोड़ बतायो ...........पर बात की भी वे असल बात तो आ ही के इन भाकर माथे भी पाणी रो टोटो हो जरे किल्ले रे काम शुरू हवते ही राव जोधा जी री महाराणी जसमादे किल्ले रे पाक्ति निचे रानीसर तालाब बन्वाव्नो शुरू कर दियो| उन टाइम इने बनावन वास्ते वे पंचोली सदासुख झाबरिया ने 20251 रुपिया दिया| बाद में विक्रम संवत 1612 में राव मालदेवजी जिन टेम जोधपुर शहर ने किल्ले रा कोट बनवाया उन्हीज टाइम वे राणीसर तालाब रो कोट ने ओ मोटो ज्यू पोल वालो आडो बनवायो| रानीसर तलाब में पोंच बेरियो है जीमे सकरबेरी, जीयाबेरी,पाट बेरी फेमस है| रानी सर माथे मोटो ज्यू अरहट है जाटे हु की जबरा तैराक तो घंटा बिड ले ...इन अरहट उ पानी चोखेलाव रे महलो में जावतो पछे ऊठे उ इमरती पोल ने ऊठे उ महलो में जावतो| कई सिस्टम हो ? न बीजली न कोई मोटर ...बस हाथो रो कमाल हो कोरो |
अबे बात करोला पदमसर तलाब री इन्हें कुन बनायो इन बारे में थोड़ो कान्फुजन है पर जादातर लोग आ इज मोने के इन्हें राव जोधाजी रो बेटो राव गांगा री राणी करवायो हो | पर किसी रानी करवायो इमे भेर झोड़ है कोई केवे के राणी पद्मावती करवायो जीकी मेवाड़ रे राणा सांगा री बेटी ही ..कोई केवे के देवडी रानीजी 1520 में करवायो| कोई केवे के इन तलाब ने भी रावजोधाजी री महारानी इज करवायो कोई केवे है की इन तलाब ने पदमा सेठ बनवायो जीको सेठ महाचंद रो बेटो हो| .........
पेली दोई तलाब रो पाणी खाली राजमहल रा लोग ही आप्रे कोम में ले सकता हा पर बाद में महारा तखतसिंह जी रे टेम में संवत उगनिस सौ पंद्रह में आखातीज रे दिन दोई तलाब आमजनता रे वास्ते खोल दिया|
इत्ती कहोणी गोगाराणी ने जीको नई मोने उनी हासू कोणी :)
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