Translate

मंगलवार, 12 सितंबर 2017

गल़ी -गल़ी गल़गल़ी क्यूं छै!-

गल़ी -गल़ी गल़गल़ी क्यूं छै!-

गिरधरदान रतनू दासोड़ी

आ गल़ी -गल़ी गल़गल़ी क्यूं छै!
तीसरी पीढी खल़ी क्यूं छै!!

ऊपर  सूं शालीन  उणियारो!
लागर्यो हर मिनख छल़ी क्यूं छै!!

काल तक गल़बाथियां बैती।
वे टोलियां आज टल़ी क्यूं छै!!
रीस ही आ रूंखड़ां माथै!
तो मसल़ीजगी जद कल़ी क्यूं छै!!

नीं देवणो सहारो तो छौ!
पण तोड़दी आ नल़ी क्यूं छै!!

काम  काढणो तो निजोरो छै!
कढ्यां उर आपरै  आ सिल़ी क्यूं छै!!

धरम री ओट में  आ खोट पसरी!
धूरतां री जमातां इम पल़ी क्यूं छै!!

बाढणा पींपल़ अर नींबड़ां नै!
तो बांबल़ां री झंगी आ फल़ी क्यूं छै!!

कदै आ आप सोचोला !कै
भांग यूं कुए में भिल़ी क्यूं छै!!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

गोगा नवमी

गोगा नवमी  ********** पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की नवमी पर गोगा नवमी मनाई जाती है। गोगा देव की पूजा सावन माह की पूर्णिमा ...

MEGA SALE!!! RUSH TO AMAZON