*देख सके तो आज देख ले*!!!!!!
आ आजादी आज देख ले !
तकदीरां का ताज देख ले !!
करमां आडी लीकां काडी,
आरक्षण आगाज देख ले !
रुजगारां रो रोळो मचियौ ,
रोळ दपट्ट ऐ राज देख ले !!
ठावा ठरका ठसक ठाकरी,
अफसरिया अंदाज देखलेे !
लहरां बिच में लाय लागगी ,
जळ बिन डूू़बी जाज देख ले!!
धरम धजा धारै धणियापौ ,
दुष्टि दंगाबाज देख ले !
नेताजी रा नखरा न्यारा ,
खिणे कोढ में खाज देख ले !!
लाडेसर लखणां रा लाडा ,
लुटतां लिछमी लाज देख ले!
भ्रष्टाचारी गुणिया भणिया ,
करोड़ां का काज देख ले !!
चोरी ज़ारी बारी बारी ,
रोज करे रियाज देख ले !
लुकती लुळती लाचारी रा ,
सूना पड़िया साज देख ले!!
निबंळां ऊपर निरभै नाचै ,
सबळां रो समाज देख ले !
अंत हो जासी आंख अंधेरों ,
देख सके तो आज देख ले !!
*रतन सिंह चंपावत रणसी गांव* ©©©©©©
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