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गुरुवार, 12 मई 2016

Suncity jodhpur in pictures

Jodhpur in pictures

जोधपुर स्थापना दिवस

"अपणायत" की इस नगरी के जहाँ " खंडे" यानी इमारती पत्थर प्रसिद्ध है वहीँ इसके " खावण खंडे" यानी खाने- पीने के शौकीन मशहूर हैं। इस शहर की आबोहवा में प्यार को महसूस करने वाले जानते है कि दिन कही भी गुजरे परन्तु शाम को किले के दर्शन जरुरी हैं।
राव सिंहा जी, राव जोधा जी की इस नगरी को राव मालदेव ने विस्तार व चंद्रसेन ने स्वाभिमान दिया। दुर्गादास राठोड़ व मुकनदास खींची ने इसकी सेवा की और मीरा माता ने सोभाग्य प्रदान किया। पत्थर के मेहरानगढ़ की नीव में राजाराम मेघवाल ने अपनी जिंदगी कुर्बान की।
आज इस शहर का अन्तर्राष्ट्रीय टूरिंग मैप में विशेष स्थान इसके नीले रंग से पुते निवास स्थानों से है और सूर्य देवता की पहली किरण यहाँ आशीर्वाद देती है। पहले इसे मारवाड़ अब इसे ब्लू सिटी और सन सिटी कहा जाता हैं।
आप यहाँ पधारे और यहाँ की मावा की कचोरी, मिर्चीबड़ा और माखनिया लस्सी नहीं जीमे तो बात नहीं बनेगी। यहाँ के लोग तो खाने की थाली देखकर बता देते है कि लड्डु मोहनजी की दूकान का है और गुलाबजामुन चतुर जी के हाथो से बना हैं।
शहर के सातो दरवाजो की बात निराली है, उम्मेद पैलेस जहाँ ताजमहल की याद दिलाता है वहीँ मेहरानगढ़ दुश्मनो में ख़ौफ़ पैदा करता है। कायलाना जल का स्त्रोत है वही मंडोर इतिहास को समझने का केंद्र है।
यहाँ की वाणी और यहाँ का पानी बहुत मीठा है। यहाँ आओ तो " पधारो " और जाओ तो भी " पधारो " विश्वविख्यात है। कभी मेरे शहर से गुजरो तो सीधे मत निकल जाना , कुछ रुकना और इसकी आत्मा में इसके अपनत्व की मिठास को साथ लेकर पधारना।

मंगलवार, 10 मई 2016

Marwar ka itihaas

मारवाड़ और पोकरण के विस्तृत इतिहास पढ़ने के लिए इस लिंक पर विजिट करें।
www.historyofpokaran.blogspot.in

सोमवार, 2 मई 2016

Jodhpur jodhpur jodhpur,,,

Jodhpur jodhpur jodhpur,,,

कुछ लडकिया कहती है की उन्हे jodhpur
के लड़के पसंद
नहीं
मैंने भी बोल दिया.....
शेरो के साथ शेरनिया अच्छी लगती है बंदरिया और
बकरिया नही......!
हम बादशाहो  बादशाह है इसलिए गुलामो जैसी हरकते नहीं,
नोटो पर फोटो हमारी भी हो सकती थी पर लोगो की जेब मे रहना हमारी फितरत नहीं..!!

एक लड़की स्वर्ग मे गयी: और
यमराज से बोली :
मेरी शादी किसी jodhpur के
लड़के से करवा दो..
यमराज : सब्र कर ले बेटी..
पहले jodhpur के
किसी लड़के को स्वर्ग मे तो आने दे. आज तक तो कोई आया नहीं.

सुधर जाओ कमीनों,
बात उपर तक पहुच गयी है।

टीचर ने jodhpur  के छात्रों से पुछा।
टीचर: एक बात बताओ, तुम    jodhpur वाले पढाई में ध्यान क्यों नहीं देते?
तो मै  बोला : क्योंकि पढाई सिर्फ दो वजहों से की जाती है।
1st खौफ  से
2nd शौख़ से
और,
फालतू के शौख हम  रखते नहीं और
डरते तो किसी के बाप से नहीं।/

jodhpur वाले  हो तो आगे भेजो। बाजार में नया है। 
Jodhpur jodhpur jodhpur
भले ही अपने दोस्त कम हैं पर जितने भी है,,,,
सब परमाणु बम हैं,,,

शनिवार, 21 नवंबर 2015

मारवाड़ी_का_दिमाग_दो_धारी_तलवार

मुम्बई में एक लडके की
अण्डों से भरी टोकरी
साईकिल के पत्थर से टकराने से टूट गयी !
भीड़ इकठी हुई
और
सभी चिलाये : देख कर चलो भाई , कितनी गन्दगी कर दी ?

एक काका ने
भीड़ से कहा : इतना चिलाने से अच्छा है
यह सोचो इसका मालिक इसकी क्या हालात करेगा?
पगार में से पैसे काट लेगा!
इसकी कुछ मदद करो !
लो मेरी तरफ से 10/रूपये !

सभी ने सहानभूति जताते हुए
10 -10 रूपये दिए!
लड़का खुश हो गया
क्यूंकि मिली हुई रकम
अण्डों की कीमत से ज्यादा थी !

सभी के चले जाने के बाद
एक व्यक्ति ने कहा : बेटे
काका ना होते
तो मालिक को तू क्या जवाब देता ?

लड़का : वो काका ही
मालिक है
और वो मारवाड़ी है !

#मारवाड़ी_का_दिमाग_दो_धारी_तलवार!



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रविवार, 1 नवंबर 2015

जोधपुर राजवंश

जोधपुर राजवंश
1.राव सीहाजी (1273 ई.)
2.राव आस्थान(ईस्वी संवत 1272-1292)
3.राव धहड़ ( ईस्वी संवत 1292-1309 )
4.राव रायपाल (ईस्वी संवत 1309-1313?)
5.राव कनपाल (1313-1323?)
6.राव जालणसी (1323-1328 )
7.राव छाड़ाजी (1328-1344 )
8.राव टीडाजी (1344-1357 )
9.राव सालखाजी (1357-1374)
10.राव वीरमजी (1374-1383)
11.राव चुंडाजी "(1383-1423 )
12.राव कान्हाजी (1424-1427 )
13.राव सताजी(1424-1427 )
14.राव रीडमलजी (1427-1453 )
15.राव जोधाजी (जोधपुर के संश्थापक)(1453 -1489 )
16.राव सातल जी (1490-1492 )
17.राव सुजाजी
18.राव गांगाजी
19.राव मालदेव (1532-1562 )
20.राव चंद्रसेन (1562-1581) जिनकी तुलना महाराणा प्रताप से की जाती थी
21.राव रायसिंह (1582-1583 )
22.राजा उदयसिंह (1583-1595 )
23.राजा सूरसिंह (1595-1619 )
24.राजा गजसिंह (1619-1638 )
25.राजा जसवंतसिंह (1638-1658 )
26.राजा अजीतसिंह (1709-1724 )
27.राजा अभयसिंह (1724-1749 )
28.राजा रामसिंह (1749-1751 )
29.राजा बखतसिंह (1751-1752 )
30.राजा विजयसिंह (1752-1793)
31.राजा भीमसिंह (1793-1803)
32.राजा मानसिंह (1803-1842 )
33.राजा तख्तसिंह (1843-1873)
34.जसवंतसिंह २ (1873-1895 )
35.राजा सरदारसिंह (1895-1911 )
36.राजा सुमेरसिंह (1911-1918 )
37.राजा उम्मेदसिंह (1918-1947 )
38.राजा हनुवंतसिंह (1947-1952)
39.राजा गजसिंह ( 1952 ) वर्तमान

 

शुक्रवार, 23 अक्तूबर 2015

जोधपुर _सिर्फ_हमारा_डायमंड_ह

जोधपुर _सिर्फ_हमारा_डायमंड_है
वो "गर्मीयो" की शाम,
वो " नई सड़क " रो जाम,
वो "किला रोड" री हवा,
वो "गांधी हॉस्पिटल" की दवा,
वो "त्रिपोलिया" की शाँपींग,
वो "पपु चाट" रो " चाट,
वो " चटर पटर" री पानी पूड़ी,
वो " श्रीनाथ" री "पावभाजी,
वो " रमेश मद्रासी" रो डोसा,
वो " ज़िपसी" री थाली,
वो " किम बेकरी "रो केक,
वो " भामाशाह" रो " पान,
वो "रातानाडा संगम टी री चाय,
वो "सूर्या नमकीन"रो शाही समोसो,
वो "चौधरी नमकीन"रो मिर्चीबडो,
वो "रावत" री कचोरी,
वो "चतुर्भुज" रो गुलाब जामुन,
वो "मोहन जी" रो मालपुओ,
वो "शिव गौरी" रो शेक,
वो "मिश्री लाल होटल" री लस्सी,
वो "एस एम् एस स्कूल" के नजारे,
वो "शास्त्री सर्कल के ठंडे" फवारे,
वो "सरदारपूरा" की सडके,
जहा कितने "दिल" धडके,
वो मस्ती की बाते,
एडि ही आपणै "जोधाणे" की "यादे

HISTORY OF JODHPUR : मारवाड़ का संक्षिप्त इतिहास

  Introduction- The history of Jodhpur, a city in the Indian state of Rajasthan, is rich and vibrant, spanning several centuries. From its o...

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