सोमवार, 1 अक्टूबर 2018
जंगी गढ जोधांण
शुक्रवार, 13 जुलाई 2018
नारियल वदारियो
अमेरिका का Aeroplane ब्लास्ट हुआ:
जापान: टेक्नोलॉजी परीक्षण किये थे ?
अमेरिका: yes
रशिया: क्रिटिकल मास वॉल्यूम ठीक था ?
अमेरिका: yes
ब्रिटेन: ऑपरेटिंग मोड सिस्टम चेक किया था ?
अमेरिका: yes
भारत: बावजी के नारियल वदारियो...?
अमेरिका : No...!
भारत: ले............ अटे भूल वेगी नी !!!!!
सोमवार, 9 जुलाई 2018
त्रिपोलिया मायने
एक बार अमेरीका में एक विमान खराब मौसम के चलते गोते खाने लगा l
विमान के पायलट ने अपना सारा अनुभव और कौशल लगा के पहाड़ों के बीच से बचते बचाते आड़े तिरछे कट मार के विमान को बचा कर एअरपोर्ट पे ले आया l
उसका सत्कार किया गया और पुछा गया की ऐसा talent और अनुभव उसने कहा और कैसे प्राप्त किया..??
*कसम से आंखों मे खुशी के आंसू आ गये* जब वह बोला...
पहला जोधपुर रा त्रिपोलिया मायने टेक्सी चलावतो सा..!
सोमवार, 18 जून 2018
मारवाड़ी मिनट आँधी अकाल जमाने आदी हैं
*मारवाड़ी बातां*
मारवाड़ी मिनट आँधी अकाल जमाने आदी हैं,
यदि रोहिणी नक्षत्र में गर्मी अधिक हो तथा मृग नक्षत्र में आंधी जोरदार चले, तो आर्द्रा नक्षत्र के लगते ही बादलों की गरज के साथ वर्षा होने की संभावना बन सकती है।
रोहण तपै, मिरग बाजै तो आदर अणचिंत्या गाजै।
एक दोहे में अकाल के लक्षणों का चित्रण इस प्रकार किया गया है :-
मिरगा बाव न बाजियौ, रोहण तपी न जेठ।
क्यूं बांधौ थे झूंपड़ौ, बैठो बड़ले हेठ।।
आर्द्रा नक्षत्र के प्रारंभ में यदि बारिश के छींटे हो जाएँ, तो शुभ माने जाते हैं और जल्दी ही बरसात होने की आशा बंधती है।
पहलों आदर टपूकड़ौ मासां पखां मेह।
यदि आर्द्रा नक्षत्र में आँधी चलनी शुरु हो जाये, तो अकाल का जोखिम न आने लगता है।
आदर पड़िया बाव, झूंपड़ झौला खाय।
यदि चौदह नक्षत्रों में दो- दो दिन के हिसाब से हवा नहीं चले, तो क्या- क्या होगा, इस विषय में निम्नलिखित छंद कहा गया है :-
दोए मूसा, दोए कातरा, दोए तिड्डी, दोए ताव।
दोयां रा बादी जळ हरै, दोए बिसर, दोए बाव।।
रोहिनी बरसै मृग तपै, कुछ कुछ अद्रा जाय।
कहै घाघ सुने घाघिनी, स्वान भात नहीं खाय।।
यदि रोहिणी बरसे, मृगशिरा तपै और आर्द्रा में साधारण वर्षा हो जाए तो धान की पैदावार इतनी अच्छी होगी कि कुत्ते भी भात खाने से ऊब जाएंगे और नहीं खाएंगे।
सर्व तपै जो रोहिनी, सर्व तपै जो मूर।
परिवा तपै जो जेठ की, उपजै सातो तूर।।
*संकलन~ राजेन्द्र सिंह कुरडायाँ*
रविवार, 27 मई 2018
फलका खाणां
फलका खाणां
एक मारवारी कविता
फलका खाणां सोरा है पणं आटो ल्याणों दोरो है ।
भक्ति करणीं सोरी है पणं नेम निभाणों दोरो है ।
जीमणं जाणों सोरो है पणं घरां जिमाणों दोरो है ।
फूट घालणीं सोरी है पणं मेल कराणों दोरो है ।
धान ल्यावणों सोरो है पणं रांध खावणों दोरो है ।
चोरी करणीं सोरी है पणं जेल जावणों दोरो है ।
झगडो करणों सोरो है पणं मार खावणों दोरो है ।
धंधो करणों सोरो है पणं नफो कमाणों दोरो है ।
झूठ बोलणों सोरो है पणं साच केवणों दोरो है ।
निंदा करणीं सोरी है पणं मान देवणों दोरो है ।
मौज मनाणीं सोरी है पणं कमा खावणों दोरो है ।
डूब ज्यावणों सोरो है पणं पार जावणों दोरो है ।
गुस्सो करणों सोरो है पणं गम खा ज्याणों दोरो है ।
मांग खावणों सोरो है पणं घर घर जाणों दोरो है ।
बातां करणीं सोरी है पणं बात निभाणीं दोरी है ।
सिलकाणीं तो सोरी है पणं लाय बुझाणीं दोरी है ।
बालपणां में पडे आदतां पछे सुधरणीं दोरी है ।
गंजो माथो बुरो नहीं पणं खाज कुचरणीं दोरी है ।
ठोकर खाणीं सोरी है पणं बुद्दि आणीं दोरी है ।
अंगरेजी पढ ज्याणें है पणं हिंदी आणीं दोरी है ।
मीठो खाणों सोरो है पणं जेर पीवणों दोरो है ।
खोटा धंधा सोरा है पणं पछे जीवणों दोरो है ।
गुरु बणाणों सोरो है पणं ग्यान आवणों दोरो है ।
तिवाडी लेणों सोरो पणं पाछो देणों दोरो है ।
गुरुवार, 24 मई 2018
मरण सारथक मांन।।
सेवा देश समाज हित,
ज्यां मर करी जहांन।
ज्यांरो ई इण जगत में,
मरण सारथक मांन।।1
माता जिम ही मातभू,
ज्यां मन दीधी जांन।
अमर आज इल़ ऊपरै,
मरद जिकै ई मांन।।2
जिण माटी उपज्या जिकै,
उण रो खाधो अन्न।
उण हित वां तो आपरो,
तिल तिल समप्यो तन्न।।3
मात -धरा मोटी मनी,
दिल निज छोटी देह।
ऊ सब चोटी ऊपरै,
लाख मुखां जस लेह।।4
मन वंदे कर मातरम,
जिकै गया फँद झूल।
जिंदो राख जमीर नै,
भावै ई मत भूल!!5
डर तज वां देश हित,
झट ली फासी झेल।
जात-पांत सबसूं जिकै,
ऊपर नर अजरेल।।6
बेड़ी काटण वतन री,
बदन कियो बलिदान।
वांरो निसदिन बांचणो,
गौरव हंदो गान।।7
श्रद्धा बढै मन सिमरियां,
सुजस सूरां रो सत्त।
विमल़ हुवै वाणी वल़ै,
कथियां कीरत कत्थ।।8
मूरत परसां साच मन,
सूरत चखां सपेख।
सुजस पढां वां सूरमां,
अघ नीं रैवै एक।।9
भिड़ रण भारथ में भलां,
अरियण दिया उथाल।
मगर- अगर बिन मानजो,
लख सत भारत- लाल!!10
अमर शहीद प्रतापसिंह बारहठ नै उणांरै शहादत दिवस माथै सश्रद्ध नमन।
गिरधरदान रतनू दासोड़ी
राणीसर री कहोणी
जोधपुर री बात - राणीसर री कहोणी
जोधपुर रा जन्मा जाया, जोधपुर में शहर में रेवनवाला हारा लोग रानीसर तालाब ने जाणे है| सब लोग राणीसर रे ओटे रा आनंद ले चुकिया है | जोधपुर में फ़तेहपोल, चाँदबावड़ी, गुन्दी रे मोहल्ले,नव्चोकिया रा रेवन वालो ने ध्योंन है के जिन टेम घनो मेह पड़े जरे ओ राणीसर रो ओटो कित्तो खतरनाक हूजा इने बाले रे कारण घर उ निकलनो मुश्किल हज़ा| मै तो खुद भुगतभोगी हु एक बार टाबरपने में चाँदबावड़ी उ पग फिसलियो ने शान्तिलालजी री दूकान माथे उबा लोग मने पकड़ ने बारे खिंचियो| राणीसर और पदमसर रे ओटे रे बारे में पुराणी कहावत है के " राणीसर पदम्सर हुयग्या ओटे| .....व्यापारी हारा हुयग्या टोटे||
अबे आज बात आ चाली है के रानीसर और पदमसर रा तालाब कुण बनवाया? ने क्यू बनवाया? आप सब ने आ तो ध्योंन वेला इज के मेहरानगढ़ रो किल्लो राव जोधाजी बनवायो| पैली वे किल्लो मसुरिया भाकर माथे बनावन वाला हा पर ऊठे पानी री किल्लत ही इन वास्ते वे किल्लो एक साधू रे केवन माथे इन चिड़ियाटुंक या जिन्हें आपो पचेटिया भाकर भी केवा, माथे बनायो| केवे के इन भाकर माथे एक सिद्ध योगी चिड़ियानाथ जी रो धुनों ने एक कुटिया ही| जिन टेम किल्ले री कोट बनावन वास्ते सैनिक चिड़ियानाथ जी ऊठे उ आपरी कुटिया हटावन वास्ते क्यों तो वे ना दे दियो ने सैनिक जिन टाइम जोर जबरदस्ती करी तो चिड़ियानाथ जी कुपित हु ने श्राप दियो के इन किल्ले में रेवन वालो राजा हमेशा परेशान रेवेला ने किल्ले में रेवन वाला पाणी रे वास्ते तिरसो मरेला ...वो रे ओ केव्ते ही उठे भाकर में बेवन वाली पानी री धार बंद हुई गी...पछे बाद में राजा चिड़ियानाथ जी ने मनावन वास्ते घणी मान मनौवल करी ने व्हारे वास्ते एक आश्रम भी बनवा ने दियो जरे जा ने चिड़ियानाथ जी रो गुस्सो शांत हुयो ने वे खद रे श्राप रो तोड़ बतायो ...........पर बात की भी वे असल बात तो आ ही के इन भाकर माथे भी पाणी रो टोटो हो जरे किल्ले रे काम शुरू हवते ही राव जोधा जी री महाराणी जसमादे किल्ले रे पाक्ति निचे रानीसर तालाब बन्वाव्नो शुरू कर दियो| उन टाइम इने बनावन वास्ते वे पंचोली सदासुख झाबरिया ने 20251 रुपिया दिया| बाद में विक्रम संवत 1612 में राव मालदेवजी जिन टेम जोधपुर शहर ने किल्ले रा कोट बनवाया उन्हीज टाइम वे राणीसर तालाब रो कोट ने ओ मोटो ज्यू पोल वालो आडो बनवायो| रानीसर तलाब में पोंच बेरियो है जीमे सकरबेरी, जीयाबेरी,पाट बेरी फेमस है| रानी सर माथे मोटो ज्यू अरहट है जाटे हु की जबरा तैराक तो घंटा बिड ले ...इन अरहट उ पानी चोखेलाव रे महलो में जावतो पछे ऊठे उ इमरती पोल ने ऊठे उ महलो में जावतो| कई सिस्टम हो ? न बीजली न कोई मोटर ...बस हाथो रो कमाल हो कोरो |
अबे बात करोला पदमसर तलाब री इन्हें कुन बनायो इन बारे में थोड़ो कान्फुजन है पर जादातर लोग आ इज मोने के इन्हें राव जोधाजी रो बेटो राव गांगा री राणी करवायो हो | पर किसी रानी करवायो इमे भेर झोड़ है कोई केवे के राणी पद्मावती करवायो जीकी मेवाड़ रे राणा सांगा री बेटी ही ..कोई केवे के देवडी रानीजी 1520 में करवायो| कोई केवे के इन तलाब ने भी रावजोधाजी री महारानी इज करवायो कोई केवे है की इन तलाब ने पदमा सेठ बनवायो जीको सेठ महाचंद रो बेटो हो| .........
पेली दोई तलाब रो पाणी खाली राजमहल रा लोग ही आप्रे कोम में ले सकता हा पर बाद में महारा तखतसिंह जी रे टेम में संवत उगनिस सौ पंद्रह में आखातीज रे दिन दोई तलाब आमजनता रे वास्ते खोल दिया|
इत्ती कहोणी गोगाराणी ने जीको नई मोने उनी हासू कोणी :)
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HISTORY OF JODHPUR : मारवाड़ का संक्षिप्त इतिहास
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राजस्थानी भाषा में एक व्यंगात्मक हास्य कविता कलयुग में भगवान एक, ''खिलौनों बणायो। दुनियावाला ई को नाम मोबाइल ...
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राजस्थान की कुछ पुरानी कहावतें राजस्थानी में वर्षा अनुमान: ☃☔ आगम सूझे सांढणी, दौड़े थला अपार ! पग पटकै बैसे नहीं, जद मेह आवणहार !! ..सा...
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राजपूती दोहे ( - ठा फ़तह सिंह जसौल) •» ” दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर॥ सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर॥ ” मतलब :- •» एक रा...