पत्नी बोली ....ओ जी थे हर बात मं म्हारा पीहर वाला न बीच मं क्यूँ
ल्याओ हो।जो केवणो है म्हन
सीधो- सीधो के दिया करो
पति बोल्यो :देख बावळी, अगर आपणो मोबाइल खराब हु ज्याव तो आपां मोबाइल न थोड़ी बोलां ,
गाल्यां तो कंपनी वाला न ही काढस्यां नी गेल सफी कठई की.........
शनिवार, 6 अगस्त 2016
गेल सफी कठई की.........
कद ऊगेला थोर में हाथ
कद ऊगेला थोर में हाथ?
गिरधरदान रतनू दासोड़ी
म्है जद-जद ई
करिया करतो चिड़बोथिया
टाबरपणै री भोल़प में
म्हारी बैनां सूं।
म्हारी आल़ रै पाण
जद टपकता हा
उणां री आंख्यां सूं
टप टप टप
आंसू मोतीड़ा बण ।
उणां रै इण
आंसूड़ां माथै पसीज
म्हारी मा
कैया करती ही कै
तूं मत किया कर
गैलायां!
मत रोवांणिया कर
सवासणियां नैं
मत संताया कर!
तन्नै ठाह नीं है
म्हारा व्हाला बचिया!
सवासणियां नैं संतायां
लागै है दुरासीस!
अर थारा हाथ
ऊग जावैला
भोर रै साथै
बाड़ में ऊभै थोर में!
कांटां में बींधीज जावैला
थारा हाथ!
झरेला लोही
टप -टप
सवासणियां रै आंसूड़ां ज्यूं!
सवासणियां रो कांई?
सवासणियां तो भोल़ोड़ी
चिड़कल्यां है।
उड जावैला दिन लागां
इण घर सूं उण घर कानी
चुग्गो चुगण नैं।
मत करिया कर अचपल़ापणो!
तूं अजै पिचियो है!
नीं समझेला
म्हारा व्हाला बचिया
आंरै झरतोड़ै आंसूड़ां सूं
झुर जावैला
आपांरो टापरियो
बोलेला उण जागा मोर
उडेला कबूड़ा
थोर ऊगेला उण ठौड़ां
थारै हाथां रै साथै!
तूं नीं पावेली रमती
रमझमती
झांझर री झणकार साथै
हंसतोड़ी बैनां रै कंठां सूं
मीठोड़ी रागां में
ढल़तोड़ी रातां में
झूलरियां मांही
वीर रै सारु गातोड़ी गीतड़ला
कै
वीरो म्हारो भाई ऐ मा!
म्है वीरै री बाई ऐ मा!
म्हारै मन में
एकर तो डबकोसीक उठियो
भोल़ावण जामण री सांभल़
गतागम में पजियो
पछै हंसियो
मन ई मन में
कै
धिन है इण जग रा चाल़ा
पाल़ा ऐ देखो मंड्योड़ा
कितरा छिदराल़ा है?
जाल़ा में गूंथ्योड़ा
जामण रा बोल मीठोड़ा
म्है दीठा है
उण सागी ई जागा
भाभीसा नैं देती भोल़ावण
कोठै री होठै सी लाती
नैणां सूं डराती
मांयां री मांयां धमकाती
कै
बहू मत कर कालायां
कुण सांभेला इतरो गिंद?
धोवेला कुण इतरो सुगलवाड़ो?
तूं समझ्या कर
तन्नै ठाह है
कै ओ भाठो है!
क्यूं करै है इतरो काठो?
पाप काट! पिंड छूटै!
हिंया फूट सावल़ सुणले!
म्हारो अकैयो करियां
नीं मिल़ेला आल़खो
इण घर में।
चेतो कर
देख र सीख्या कर
म्हारो जीव अमूझै है
थारै इण माठापणै सूं
उतर्योड़ै थोबड़ सूं
झरतोड़ै नैणां सूं
अटक्योड़ै वैणां सूं
जा! मेटदे झंझट नैं
छायोड़ै संकट नैं
अर
भाभी अबोली सी
मर्योड़ै मनसूं
घींसीजतै तन सूं
निज नैं निज रै हाथां सूं
घर री घातां सूं
उबार नीं सकी
असथामा(अश्वाथामा) रै ब्रह्मास्त्र सूं
परीखत रै उनमान कूखनै
आंख्यां मीच
घाल आंगल़ियां कानां में
नीसासो न्हांख
पड़ी ही अधमर्योड़ी
कूख री पीड़ा सूं
डर्योड़ी ही
कूख री किरल़ाटां सूं
अधगावल़ी सी होयोड़ी
उपजतै प्रश्नां रै अणसूझ्यै उत्तरां सूं
उतरा रै ज्यूं ई
कुरुखेत रै उजड्योड़ै डेरां में।
अदीठ बाणां सूं
घायल हिरणी सी
रगत पसीनैं सूं
लथपथ
बिनां जापै रै जापायत होयोड़ी
पड़ी ही मिनख होय
रिंधरोही में
पूछै ही हिचक्यां रै साथै
भरतोड़ी डुसका
मिलण री वेल़ा रो मोल
पड़वै रा कोल
सस्तो कीकर है इतरो?
कै
प्रीत री सैनाणी
ममता रा ऐनाण
मिटावण रै सारु
करदे है मजबूर मजबूती नैं मजबूरी सूं!
पण म्हनै
बतावजो आप
कै
इण पापरै कर्णधारां रा
कद ऊगेला
हाथ थोर में ?
जिकै कन्या रै पेट में पड़तां ई
कीकर मिटै
कद मिटै री
ऊधेड़बुन में रैवै लागोड़ा
अजाण्यै डर सूं
भयभीत !
आंख फोड़ अपसुगन करणियै
ऐड़ै कुरदरसणियां रा
हाथ कद ऊगेला थोर में?
म्है उडीकूं उण भोर नै!
गिरधरदान रतनू दासोड़ी
शुक्रवार, 5 अगस्त 2016
मुंडै चाती अर छाती राखो
आज कुछ गुदगुदाने वाली पंक्तियां पढ़ने को मिली ...
आप भी आनंद ले ....
अपनी *औकात* भूल कर दूसरों को *औकात* याद दिलाने वाले नेताओं पर एक करारा व्यंग
मुंडै चाती अर छाती राखो
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आपरी अणदेखी देख'र
खुद थरपीज्यो नेता बोल्यो
घोर कळजुग है
लोग हातै-बातै नीं रैया
*म्हे* चंगा भला नेता हां
लोग पण *म्हानै* नेता नी मानै
लोग कित्ता डोफा है
*म्हे*कित्तो काम करियो है
उण काम नै सड़कां माथै सोधै
नेट पर नीं देखै
जठै *म्हे* काम रो ढिग लगा राख्यो है !
नेता जी बोल्या
बातां में बात तो बा ई
जिकी *म्हे* करां
बाकीस क्यांरी बात
निरो बतंगड है !
कामां में काम तो बो ई
जिको *म्हे* करां
बाकीस क्यांरो काम
फगत कढी बिगाड़ है !
आप सगळा
बोला-बाला बैठ्या रैवो
*म्हारै* मनभांवतै काम माथै
थूक मत बिलोवो
फगत ताळी बजाओ
आपनै जे स्याणा
समझदार कुहावणों है तो
आप *म्हारा* हुकुम मानता रैवो
मुंडै माथै चाती राखो
*म्हारी* करणीं माथै छाती राखो !
*म्हारी* किणी भी गळती माथै
आप बोलो मत
आप तो ओ मान'र चालो
बोलणों आप नै नीं
फगत *म्हानै* ई 'ज आवै
ओ भी मान'र चालो
कै *म्हे* गळती कर ई नीं सकां
गळती तो फगत आप इज करो !
*
[] ओम पुरोहित कागद
देश इन *मैं के रोग से ग्रस्त *औकात* बताने वाले लोगों से दुखी है
आपकी क्या राय है ????
की आदमी स्यूं किंया बात करणी चाईजै ..
की आदमी स्यूं किंया बात करणी चाईजै ..
माँ= स्यूं बिन्या भेद ...खुल'र बात करणी
बाप= स्यूं आदर स्यूं बात करणी...
गुरूजी= स्यूं नजर नीची कर'र बात करणी ...
भगवान= स्यूं नैण भर'र बात करणी ...
भायां= स्यूं हियो खोल'र बात करणी ...
बैना= स्यूं हेत सू बात करणी ...
टाबरा= स्यूं हुलरा'र बात करणी..
सगा-समधी= स्यूं सन्मान दे'र बात करणी ...
भायलां= स्यूं हंसी मजाक सू बात करणी...
अफसरा= स्यूं नम्रता स्यूं बात करणी ...
दुकान हाळै= स्यूं कडक स्यूं बात करणी...
गिराक= स्यूं ईमानदारी स्यूं बात करणी ...
और
*घरवाळी स्यूं ....अं हं हं हं ह ह..*
अठै आतां चेतो राखणो .....
ई, माते-राणी आगै तो चुप ही रेणो ....
नत-मस्तक हू'र सगळी सुण लेणी ...
बोलणूं घातक हुवै ।
फेर भी कोई रै घणी ही बाकड़ चालती हुवै तो...
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आगली-पाछली ..तीन भो की सोच'र बात करणी ...
गुरुवार, 4 अगस्त 2016
मत दे इतरा धता रामजी !
मत दे इतरा धता रामजी !
मिनख मिल़ै तो बता रामजी !!
लोकतंत्र में लूखो, भूखो !
जन तो खावै खता रामजी !!
मिनख, मिनख नै जाति पूछै !
जूत चेपनै सता रामजी !!
वोट मांगिया पैर पकड़नै !
अब तो मालक छता रामजी !!
धर्म धजा फरकावै ऊंची !
करर्या कुकर्म कता रामजी !!
देख विगोयो भाईचारो !
भेल़प गंगा घता रामजी !!
गुड़ मिरकी सूं राजी कीना !
कीरप पीढ्या जता रामजी !!
देवै रीझ थथूबा चोखा !
मसल़ काम में तता रामजी !!
ज्यांरो राज! लेवै ई ज्यांरा !
जनतंत्र तो लता रामजी !!
थारी माया तुंही जाणै !
पूजीजै बेपता रामजी !!
छल़िया देव! पुजारी छल़िया !
पल-पल बदल़ै मता रामजी !!
ठग बैठा ठकराई थापै !
जिता चोखल़ै हता रामजी !!
खोसो, खावो ! रोसो, मोसो !
पढिया अजतक अता रामजी !!
स्नेह , प्रेम अपणायत गमगी !
लाधण रा दे पता रामजी !!
शनिवार, 30 जुलाई 2016
अब्दुल कलाम रा मरसिया ....
अब्दुल कलाम रा मरसिया ....
अब्दुल तोड़ी आज दीवारां इण देह री
पूरी कर परवाज. पद परमहंस पावियो
अब्दुल पूगौ आप अमरापुर रे आँगणे
शोक घणौ संताप नयण नीर मावै नहीं
अब्दुल पूरी आस कथनी करणी एक कर
खुदाबन्द वो खास भगत बड़ौ भगवान रो
अब्दुल तूं आधार भांण भळकतौ भारती
अगनी रौ अवतार साधक सांचो सूरमो
अब्दुल नहीं अनाम. इतिहासां रहसी अमर
कीरत वाळा काम कायम करगौ कोड सूं
अब्दुल वाळी आंण अवरां ने आंणी नहीं
जीवत जुगां प्रमाण भूलै किण विध भारती
रतनसिहं चाँपावत कृत
HISTORY OF JODHPUR : मारवाड़ का संक्षिप्त इतिहास
Introduction- The history of Jodhpur, a city in the Indian state of Rajasthan, is rich and vibrant, spanning several centuries. From its o...
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राजस्थानी भाषा में एक व्यंगात्मक हास्य कविता कलयुग में भगवान एक, ''खिलौनों बणायो। दुनियावाला ई को नाम मोबाइल ...
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राजस्थान की कुछ पुरानी कहावतें राजस्थानी में वर्षा अनुमान: ☃☔ आगम सूझे सांढणी, दौड़े थला अपार ! पग पटकै बैसे नहीं, जद मेह आवणहार !! ..सा...
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राजपूती दोहे ( - ठा फ़तह सिंह जसौल) •» ” दो दो मेला नित भरे, पूजे दो दो थोर॥ सर कटियो जिण थोर पर, धड जुझ्यो जिण थोर॥ ” मतलब :- •» एक रा...