बाळेसर री खाणियां
घणो जोर रो झटको लागो,
पङियो दिल रो दौरो।
ताङ तोङ ने पैसा लाता,
मनङो हो तो सौरो॥
टाबर सौरा,टींगर सौरा,
सौरा भाई अर सैण।
बंद करीह ए खाणियां,
कींया करीह आ दैण॥
पेली तो डोडा रुकवाया,
अब रुकवायी खाण।
कांई करूं रे जीवङा,
पव्वो मिळे न पाण॥
फोकट म्हे फेरा खाङे,
गोता खाङे च्यार।
बिना तळे रा लोटिया,
बोट बगत त्यार॥
टींगर तो टळ्ळाटा करेह,
लुगाई मारे लात।
बाळेसर री खाणियां,
ओ प्रवासी मीनका !
छोड़ चलो गुजरात !!!
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