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मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

MAHARAJA SIR PRATAP SINGHJI OF JODHPUR : जोधपुर के महाराजा सर प्रताप

MAHARAJA SIR PRATAP SINGHJI OF JODHPUR


परिचय

1875 में महाराज प्रताप सिंह जी 30 वर्ष की उम्र में जोधपुर रियासत के मुसाहिब आला( प्रधानमंत्री) बने उसी दौरान मेयो कॉलेज की स्थापना हुई। सर प्रताप के दिमाग में बात बैठ गई थी परंपरागत वीरता और शौर्य से हमारी जाति इस विश्व में आगे नहीं बढ़ सकती उसको आधुनिक शिक्षा का बल समय रहते अर्जित करना होगा, इसी समय एक स्कूल की स्थापना की गयी ,बाद मंडोर में 1896 में सभी राजपूतों के पढ़ने के लिए विद्यालय राज्य के खर्चे पर बनाया ।
नवंबर 1912 में चौपासनी जागीर से 412 बीघा जमीन लेकर स्कूल का भूमि पूजन किया गया, 15 माह के समय में मुख्य भवन सहित चार छात्रावासों का निर्माण महाराजा साहब के खर्चे से किया गया जिसकी लागत 4लाख रुपये थी। 

चोपासनी स्कूल की स्थापना 

इस मुख्य भवन के ऊपर संगमरमर के पत्थर पर मारवाड़ के चिन्ह के साथ "रणबंका राठौड़" लिखा था उसके ऊपर पॉवलेट नोबल्स एल्गिन राजपूत स्कूल लिखा गया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन वॉइसराय एवं गवर्नर जनरल बारोन हार्डीग्ज ने 8 फरवरी 1914 को किया इस दौरान निर्मित 4 छात्रावासों के नाम हार्डिंगज हाउस, एल्गिन हाउस, पॉवलेट हाउस, प्रताप हाउस रखा गया ।

1927 में न्यूजीलैंड वासी शिक्षाविद एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी(आई सी एस )ए पी कॉक्स ने चौपासनी स्कूल के प्रिंसिपल एवं मारवाड़ रियासत के शिक्षा निदेशक के रूप में कार्यभार ग्रहण किया और 1947 आजादी तक रहे, इस दौरान इस भव्य और दिव्य स्कूल ने अपनी ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर अर्जित की 1939 में गवर्नर जनरल लॉर्ड गोसचेंन का स्कूल में आना हुआ और महाराजा उम्मेदसिंह जी द्वारा पांचवें छात्रावास को प्रारंभ किया ,उसका नाम उम्मेद हाउस रखा गया। आजादी तक यहां पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों का खर्च रियासत द्वारा वहन किया जाता था।

आजादी के बाद इस संस्थान को मिलिट्री स्कूल बनाने का प्रयास हुआ जो समाज के संगठित प्रयासों से बचाया गया ।
आजादी के बाद इस संस्थान का संचालन मारवाड़  राजपूत  एजुकेशन ट्रस्ट एवं बाद चौपासनी शिक्षा समिति द्वारा किया जाने लगा जो अनवरत चल रहा है ।

एक बार संस्थान के संचालन में धन की कमी आ गई तो तत्कालीन अध्यक्ष स्वर्गीय राजा देवी सिंह जी भाद्राजून ने स्वयं वहन किया था।

1967 में स्वर्गीय प्रेम सिंह जी पड़िहार मानद सचिव ने समाज के सहयोग से 160 बीघा जमीन संस्थान के लिए खरीदी ।

इस विद्यालय को भूमि का स्वामित्व पूर्व मंत्री स्वर्गीय श्री खेत सिंह जी राठौड़ के सद्प्रयासों प्रयासों द्वारा मिला।

चौपासनी स्कूल सतत चलती रही थी ,एक दौर आया तब विद्यार्थियों की संख्या निरंतर घटने लगी और हमारे अध्यापक गण जो 90% सरकारी ऐड से कार्य कर रहे थे सरकार द्वारा अपने सरकारी विद्यालयों में समाहित कर लिए गए और स्कूल का ऐड पूर्णतया बंद कर दिया गया संस्थान को चलाने के लिए एकदम भार पड़ गया, नए अध्यापकों एवं अन्य स्टाफ को तनख्वाह देने की समस्या हो गई , पूर्व अध्यापकों ने शिक्षा समिति पर 35 के करीब याचिकाएं कोर्ट में दाखिल कर दी इससे निपटने के लिए 2012 से 2016 तक 12 लाख रुपये वकीलों को को देना पड़ा ।
तत्कालीन मैनेजमेंट ने इससे पार पाने के लिए विचार विमर्श किया और इस निर्णय पर पहुंचे कि इसमें अन्य कोर्स शुरू किए जाएं या स्कूल का संचालन किसी अन्य एजेंसी द्वारा कराया जाए सभी प्रपोजल पर विचार विमर्श करने के बाद मैनेजमेंट के सभी लोगों ने महाराजा साहब से मेयो कॉलेज द्वारा संचालित मयूर स्कूल के बारे में बात की।महाराजा साहब ने मेयो कॉलेज के लोगो से बात की,सौभाग्य से वे दोनों संस्थाओ के संरक्षक भी है।आपके प्रयासों से 19जनवरी 2012 को एक MOU पर हस्ताक्षर हुए। इस करार को पहले गवर्निग कौंसिल में लाया गया था,  मैं भी गवर्निंग कौंसिल का सदस्य आप सभी के आशीर्वाद व सहयोग से2010 में बन गया था।मैंने प्राथमिक तौर पर इसका विरोध किया परंतु यह प्रस्ताव पास हो गया था ।मैंने महाराजा साहब को कई सुझावों के साथ पत्र लिखा उसका जबाब मिला उसमे उन्होंने दर्शाया था कि वर्तमान परिस्थितयो यह सबसे उपयुक्त समाधान है।
इस MOU की प्रमुख बातो को सरल शब्दों में बताना  उचित  होगा-
एमओयू 15 वर्षों के लिए हुआ था ।
हिज हाइनेस महाराजा गजसिंह जी की अध्यक्षता में कमेटी होगी, इसमें वरिष्ठ उपाध्यक्ष मेयो कॉलेज गवर्निंग काउंसिल द्वारा नामित होगा ,उपाध्यक्ष चौपासनी शिक्षा समिति द्वारा नामित होगा, इसमें 5 मेंबर्स होंगे 3 मेंबर चौपासनी शिक्षा समिति द्वारा नामित एवं दो मेंबर मेयो कॉलेज जनरल कौंसिल द्वारा  नामित होंगे, सेक्रेटरी प्रिंसिपल मयूर  चौपासनी स्कूल (इन्हें वोट का अधिकार नहीं )होंगे।
इस स्कूल के दिन प्रतिदिन संचालन के लिए संचालन समिति का गठन किया गया,इसमे चौपासनी शिक्षा समिति एवं मेयो कॉलेज कॉलेज गवर्निंग काउंसिल द्वारा नामित सदस्य होंगे।
चौपासनी के भूतपूर्व छात्रों एवं चौपासनी शिक्षा समिति द्वारा अनुमोदित 30% तक छात्रों को इस स्कूल में प्रवेश देना होगा बशर्ते वे सभी छात्र प्रवेश की न्यूनतम योग्यता रखते हो ।
दिन प्रतिदिन संचालन का पूरा दायित्व मेयो कॉलेज जनरल काउंसिल का होगा चौपासनी शिक्षा समिति दखल नहीं देगी।
मयूर नाम एवं चिन्ह के साथ पूरे संचालन के लिए चौपासनी शिक्षा समिति को पहले दो साल कुछ नही देना है,उसके बाद 700 छात्रों तक कुल फीस का 3% व इससे ऊपर4%तिमाही भुगतान मेयो कॉलेज गवर्निग कौंसिल को करना होगा।
चौपासनी शिक्षा समिति मयूर चौपासनी स्कूल को सभी तरह की सुविधाएं प्रदान करेगी ।
हमारे विद्यालय की पूरी मरम्मत की आवश्यकता महसूस हुई छात्रावासों को नए कक्षो में बदलना था इस समय भी धन की आवश्यकता हुई तो महाराजा साहब ने 51लाख का सहयोग किया एवं समाज के कई भामाशाहो  ने 11 लाख या इससे अधिक का सहयोग किया इसमें स्वर्गीय ठा० मानवेंद्र सिंह जी रोहट, श्री कुंभ सिंह जी पातावत ,स्वर्गीय श्री तन सिंह जी चौहान, ठा०मोहनसिंहजी उचियारड़ा,श्री शम्भु सिंह जी खेतासर के साथ कई अन्य भामाशाहो का भी सहयोग रहा।
पिछले 10 वर्षों से चौपासनी शिक्षा समिति की प्रत्येक मीटिंग एवं गतिविधियों में मन से भाग लिया एमओयू को बार-बार पढ़ने और समझने के बाद ऐसा लगता है तत्कालीन परिस्थितियों में इससे बढ़िया विकल्प नहीं था और जो एमओयू हुआ वह महाराजा साहब ,स्वर्गीय ठा०मानवेंद्र सिंह जी रोहट, श्री वी पी सिंह जी बदनोर राज्यपाल पंजाब चंडीगढ़ के सदप्रयासों से संभव हो पाया था इसका परिणाम भी  समाज को मिला एवं मिल रहा है।
2015 मे निर्विरोध निर्वाचन हुआ, नई कार्यकारिणी के अध्यक्ष ठा० सिद्धार्थ सिंह रोहट बने उन्होंने अपनी कार्यकारिणी में मानद सचिव पुनः श्री प्रहलादसिंह राठौड़ को बनाया ,जो राजस्थान प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे है और चौपासनी के भूतपूर्व छात्र है। कार्यकारिणी में कुल26 सदस्यो में से 15 सदस्य चौपासनी के भूतपूर्व छात्र है उसमे से मैं भी हूँ मेरे को इस कार्यकारिणी में शिक्षा,छात्रवास एवं अनुशासन का दायित्व दिया गया है ,हर कार्य के लिये अलग अलग कमेटियां है जो अपना अपना कार्य सामूहिक जिम्मेदारी से कर रहे है।
चौपासनी का अतीत एवं वर्तमान ::--हमारे इस महान विद्यालय में आजादी के बाद अंतिम गवर्नर जनरल लॉर्ड माउंटबेटन  पधारें इसके बाद कमांडिंग इन चीफ जनरल केएम करिअप्पा, भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद एवं हीरक जयंती में डॉ फखरुद्दीन अली अहमद का पधारना हुआ। इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों मुख्यमंत्रियों एवं सेनाध्यक्षो का आना हुआ।
इस विद्यालय  के विद्यार्थियों ने उत्तम चरित्र, संस्कृति,  परंपराओं के साथ अनुशासन, देश भक्ति का पाठ पढ़ते हुए राष्ट्र निर्माण में  बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान किया।
इस विद्यालय के विद्यार्थियों ने राष्ट्र रक्षा के लिए अकल्पनीय काम किया प्रमुख नामों का उल्लेख गौरव से करना चाहूंगा आजादी से पूर्व प्रथम विश्व युद्ध के योद्धा गोविंद सिंह जी को विक्टोरिया क्रॉस मिला ,लेफ्टिनेंट कर्नल डूंगर सिंह जी मिलिट्री क्रॉस ,कैप्टन अमर सिंह जी सेकंड क्लास इंडियन ऑफ मेरिट मिला ।
आजादी के बाद मेजर शैतान सिंह जी( परमवीर चक्र), मेजर मलसिंह जी( अशोक चक्र), एयर वाइस मार्शल चंदनसिंह जी (विशिष्ट सेवा मेडल, वीर चक्र ,महावीर चक्र), ले०कर्नल मेघसिंह जी (वीर चक्र ),राइफलमैन रावत सिंह जी( वीर चक्र), ब्रिगेडियर उदय सिंह जी( महावीर चक्र) ,मेजर जनरल कल्याण सिंह जी (विशिष्ट सेवा मेडल), फ्लाइट लेफ्टिनेंट जगमाल सिंह जी (शौर्य चक्र ),नायब सुबेदार लाल सिंह जी खींची (शौर्य चक्र ),आई जी पी सुल्तान सिंह जी (राष्ट्रपति पुलिस पदक),पद्मश्री नारायणसिंह जी भाटी(राष्ट्रपति पुलिस पदक)।
नारायणसिंह जी भाटी मालूँगा पदमश्री(साहित्य), डॉ नारायण सिंह माणकलाव को समाज सेवा के लिए पदमश्री, पदम विभूषण, (राज्यसभा सांसद मनोनीत), डॉ लक्ष्मण सिंह जी राठौड़ डीजी मौसम विभाग आदि ने संस्था का नाम ऊंचा किया।
खेलकूद में कर्नल प्रेम सिंह जी को अर्जुन अवॉर्ड पोलो, रावराजा प्रोफेसर करण सिंह जी को द्रोणाचार्य अवॉर्ड मिला साथ ही कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी इस विद्यालय से निकले हैं।
राजनीतिक क्षेत्र में इस विद्यालय से कई लोग वर्तमान विधायक हैं और कई पूर्व में सांसद विधायक मंत्री रहे हैं इनमें से प्रमुख नाम श्री तन सिंह जी ,ठाकुर कल्याण सिंह जी कालवी केंद्रीय मंत्री रहे हैं।
इस विद्यालय के कई विद्यार्थी आईएएस, आईपीएस ,आर ए एस ,आरपीएस ,इंजीनियर, डॉक्टर, वकील ,बैंक बीमा में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं या हैं ,कई प्रोफेशनल  व्यापारियों ने अपने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है इस कारण चौपासनी का नाम बहादुर ,कर्तव्य परायण, ईमानदार, होशियार और कठोर परिश्रमी नागरिक देने वाली संस्था के रूप में है।
यहाँ के विद्यार्थियों ने राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है या दे रहे हैं।

चौपासनी एवं हनुमंत चौपासनी स्कूलों की विशेष देखभाल के लिए कर्नल महेंद्र सिंह बीका साहब को प्रशासनिक डायरेक्टर नियुक्त किया गया है वे  पिछले 2 वर्षों से पूरा समय विद्यालय परिसर में रहकर स्कूलों एवं छात्रावासों की हर गतिविधियों में भाग लेकर पढ़ाई एवं अनुशासन बनाए रखने में कामयाब हुए हैं।
इसी दौरान कैप्टन अतुल शौर्य एकेडमी से करार हुआ था जिसमें सभी नवी कक्षा से ऊपर के विद्यार्थियों को कोचिंग संस्थान द्वारा दिलाई गई इससे विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में ज्ञान हुआ और कर्नल बीका साहब के प्रयासों से अब एक कालांश  कैरियर कौसिलिंग/व्यक्तित्व विकास का रखा गया है।
 विद्यार्थियों में फौज के अफसर बनने के लिए लगातार परामर्श कर्नल बीका साहब एवं हमारे कार्यकारिणी के सदस्य कर्नल शंभू सिंह जी देवड़ा साहब देते रहे हैं।

हमारे इन दोनों विद्यालयों के खेल स्तर को सुधारने के लिए पिछले 2 वर्षों से खेल डायरेक्टर के पद पर अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी एवं अर्जुन अवॉर्डी श्री हनुमान सिंह जी को नियुक्त किया गया है ,साथ ही उनके सहयोगी के रुप में रिटायर्ड डिप्टी कमांडेंट एवं एन आई एस कोच श्याम सिंह जी(जिमनास्टिक) को जोड़ा है इनके विशेष प्रयासों से हमारे विद्यालयो के लिए खेल नीति लागू की गई है।
हमारे चौपासनी परिसर में चलने वाली सभी संस्थाओं का संक्षिप्त विवरण जो अवलोकन करने योग्य है--

(1) चौपासनी सीनियर सेकेंडरी स्कूल( कक्षा 6से12 तक)---इस विद्यालय को मयूर के आने के बाद छात्रवास में स्थानान्तरित कर दिया गया।महाराजा गजसिंह ब्लॉक के ऊपर पूरा नया भवन पुरानी चौपासनी भवन के समान हेरिटेज लुक के साथ बनाया गया है।
हमारे स्कूल के सभी खेल मैदानों को सही एवं व्यवस्थित किया गया है इस परिसर में दो अंतरराष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल मैदान श्री हनुमान सिंह जी की देखरेख में बनाए गए हैं।
सभी कक्षा कक्षो में सीसी टीवी कैमरे लगाए गए है पूरे स्कूल परिसर को नया रूप दिया गया है।
इस विद्यालय के प्रिंसिपल श्री दुर्गादास जी राजवी के नेतृत्व में योग्य अध्यापकों की टीम काम कर रही है सभी अध्यापक गणों के वेतन में सुधार किया गया है निरंतर कार्य से प्रोत्साहन राशि को भी जोड़ा गया है।
इस विद्यालय में कुल 551 (श्री उम्मेद विद्यालय के107 छात्र शामिल है)छात्र अध्ययनरत रहे हैं 

विद्यालय का परीक्षा परिणाम अच्छा रहा है विज्ञान वर्ग छात्र संख्या 10-प्रथम श्रेणी-6, द्वितीय श्रेणी 4 कृषि विज्ञान कुल छात्र 27 प्रथम श्रेणी 13 द्वितीय श्रेणी 13 पूरक 1 । वाणिज्य वर्ग कुल छात्र नो प्रथम श्रेणी 4 द्वितीय श्रेणी 3 तृतीय श्रेणी एक पूरक 1 कला वर्ग कुल छात्र 64 प्रथम श्रेणी 42 द्वितीय श्रेणी 20 पूरक 2
कक्षा 10 कुल छात्र 55 प्रथम श्रेणी 24 द्वितीय श्रेणी 28 तृतीय  श्रेणी 1 पूरक 2

खेलकूद ::--चौपासनी स्कूल के 14 वर्ष एवं 19 वर्ष के बालक  फुटबॉल में जिले के विजेता ।
19 वर्ष छात्र वॉलीबॉल में लगातार दूसरी बार जिले में विजेता रहे।
 एक छात्र का हैंडबॉल में व 3 छात्रो का वॉलीबॉल में राज्य स्तर पर चयन हुआ। श्री रावल सिंह का फुटबॉल एवं सुश्री प्रियंका शेखावत जिम्नास्टिक में राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ।

2 हनुवंत चौपासनी स्कूल::-- कुल छात्र 832 
12वीं विज्ञान वर्ग कुल 28 प्रथम श्रेणी 22 द्वितीय श्रेणी 4 पूरक 2 
12वीं वाणिज्य वर्ग कुल 8 प्रथम श्रेणी -7 ,द्वितीय श्रेणी1 
कला वर्ग कुल 23 प्रथम श्रेणी 15, द्वितीय श्रेणी-7 अनुतीर्ण -1
दसवीं बोर्ड कुल 58 प्रथम श्रेणी 26 द्वितीय श्रेणी 29 तृतीय श्रेणी 3 पूरक-1

खेलकूद::- -हनवंत स्कूल के 14 व 17 वर्ष के छात्र  बास्केटबॉल में जिले में विजेता रहे।
हैंडबॉल में 14 वर्ष की छात्राएं उप विजेता रही।
हॉकी में 14 वर्ष के छात्र एवं 17 वर्ष की छात्राएं विजेता रही।
इस विद्यालय के 5 छात्र राज्य स्तर पर चयनित हुए, सुश्री स्मिता कंवर का हॉकी में राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ।
इस विद्यालय का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है ।सभी कक्षा कक्षो को आधुनिक बनाया गया है एवं सभी कक्षाओ में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं 
इस विद्यालय की नयी प्रिंसिपल श्रीमती नीलकमल सिंह को नियुक्त किया गया है, जो बीकॉम बी एड के साथ तीन विषयों में स्नातकोत्तर योग्यता रखती है-एजुकेशन, अंग्रेजी, मनोविज्ञान ।
आपने लंदन से बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की एवं वहां अध्यापन भी करवाया। आशा है आपके नेतृत्व में विद्यालय नई ऊंचाइयां छूएगा।

मयूर चौपासनी स्कूल:

 इस विद्यालय की स्थापना 19 जनवरी 2012 कोई हुई जिसमें 1895 विद्यार्थी अध्ययनरत है इसमें से 532 राजपूत बच्चे पढ़ रहे हैं। विद्यालय के प्रिंसिपल श्री शरद तिवारी जी नेतृत्व में 106योग्य  शिक्षकों की टीम अच्छा  कार्य कर रही है ।इस टीम में 30 राजपूत शिक्षक है।
हमारे विद्यालय एवं प्रिसिपल सा ने राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान प्राप्त कर संस्था का नाम रोशन किया है।
विद्यालय का सीबीएसई बोर्ड परीक्षा परिणाम 2019 अच्छा रहा इसमें अजीत प्रताप सिंह राठौड़(पुत्र श्री बाबुसिंह राठौड़ पूर्व विधायक शेरगढ़) ने 97.8% अंक प्राप्त कर स्कूल में प्रथम एवं जोधपुर रीजन में द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
दसवीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम सराहनीय रहा मानवेंद्र सिंह बीका ने96.2% अंक के साथ स्कूल में प्रथम ,दिव्या जैन ने 95.4% अंक प्राप्त कर द्वितिय एवं ऋषिराजसिंह शेखावत ने 95% अंक के साथ तृतीय स्थान हासिल किया ।
सीबीएसई बोर्ड 2020 के परीक्षा परिणाम बहुत सराहनीय है इस विद्यालय की ईवा तिवारी ने 99. 8% अंक के साथ पूरे राजस्थान में प्रथम स्थान प्राप्त किया चंद्राणी राणावत ,सुनिधि राठौड़ सहित 10 विद्यार्थियों ने 95% से अधिक अंक प्राप्त किए।
दसवीं बोर्ड में अभिमन्यु सिंह राठौड़ ,दिव्या कँवर, भूमिका सिंह राठौड़ ने विद्यालय के 10 प्रथम विद्यार्थियों में स्थान हासिल किया।

खेलकूद ::-- विद्यालय के 17 विद्यार्थियों का राष्ट्रीय स्तर पर चयन हुआ इसमें से 9 राजपूत बच्चे हैं । एयर राइफल शूटिंग में मनीषासिंह राठौड़,महिमा राठौड़, भूमिका सिंह राठौड़। फुटबॉल में वैभव उदावत, जिमनास्टिक में अधिराज सिंह चौहान, ज्योत्सना उदावत, चंद्रिका राठौड़। कामना उदावत व नितीप्रिया कँवर  टेनिस बाल क्रिकेट में ।
अन्तराष्ट्रीय स्तर पर दो विद्यार्थीयो का चयन हुआ उसमे से एक कर्मवीरसिंह खीची टॉपहम क्रिकेट क्लब डरबन दक्षिण अफ्रीका की ओर से जोहान्सबर्ग,प्रिटोरिया, डरबन के मैदानों पर खेले 
स्कूल में भीष्मराजसिंह शेखावत ऑल राउंडर बॉय रहा।

विशेष::--चौपासनी परिसर से पहली बार प्रधुम्न सिंह पड़िहार (जो मेरे LIC के विकासअधिकारी साथी श्री दयाल सिंह पड़िहार नान्दड़ा के पुत्र है) ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी(NDA)खड़गवासला पुणे में चयनित होकर संस्था को गौरव प्रदान किया है।

चौपासनी शिक्षा समिति द्वारा बी एड का दो वर्षीय कोर्स चलाया जा रहा हैं जिसमें197 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
बी ए बी एड ,बीएससी बीएड 4 वर्षीय कोर्स चलाया जा रहा हैं जहाँ 245 विद्यार्थी अध्ययनरत है।
हमारे कॉलेज की जोधपुर के सबसे अच्छे कॉलेज के रूप में गिनती है, जिसको बी ग्रेडिंग 2012 में मिला हुआ हैं। प्रिंसिपल रिटायर्ड प्रो०डॉ०हरदयालसिंह राठौड़ हैं।  

 एनसीसी::- - चौपासनी एवं हनवंत चौपासनी स्कूल के लिए आर्मी विंग सीनियर के साथ साथ तीनो विंग जूनियर वर्ग में एनसीसी हमारी एकमात्र संस्थान में है।
हमारे यहाँ के12  विद्यार्थी सेना में भर्ती हुए है।

छात्रावास::- 174विद्यार्थी छात्रवास में रह रहे थे।छात्रावासों का निर्माण एवं मरम्मत करवाई गयी।विद्यार्थियों के लिए सुविधाओं में बढ़ोतरी की गयी रसोईघर का आधुनिकीकरण किया गया उसके पास नये डाईनिंग हाल का निर्माण करवाया गया।
छात्रावासो में अनुशासन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

छात्रवृत्ति::--पिछले सत्र में 35.19लाख रुपये अभावग्रस्त होशियार बच्चों को छात्रवृत्ति दी गयी है,इसमे बालिका शिक्षा के लिए10 लाख रुपये केरु बालिका छात्रावास की छात्राओं की फ़ीस एवं 4.6लाख परिवहन के लिए दिए गए हैं।
हमारे यहाँ कोई भी होशियार बालक धनाभाव में पढ़ाई से वंचित नही रहे इसके लिए चौपासनी शिक्षा समिति ने छात्रवृत्ति के माध्यम पढ़ाने की व्यवस्था की है।
कुल मिलाकर हमारे परिसर में 3823 विद्यार्थी अध्ययनरत है,यह संख्या निरंतर बढ़ती ही जायेगी 

राजस्थानी शोध संस्थान चौपासनी:

इस संस्थान में कुल 6 ठिकानों की1581 बही संग्रह है।
5000प्रकाशित पुस्तकें जो राजस्थानी भाषा,छन्दशास्त्र, व्याकरण,आयुर्वेद ज्योतिष, कला एवं मनोविज्ञान से संबंधित है।
16743 हस्तलिखित ग्रंथ है।
राजपूत स्कूल की300 पेंटिंग है।
राजस्थानी शब्दकोष श्री सीताराम लालस द्वारा संग्रहित(11 खंडो में 2लाख शब्द)हैं।
इन सबका डिजीटलाइजेशन किया जा रहा हैं जो महाराजा मानसिंह पुस्तक प्रकाश मेहरानगढ़ म्यूज़ियम ट्रस्ट जोधपुर की देखरेख में किया जा रहा है।इस धरोहर  का उपयोग शोधार्थियों के लिए होगा,संस्थान के उपनिदेशक डॉ विक्रमसिंह भाटी के द्वारा 'परम्परा' अर्धवार्षिक  शोध-पत्रिका का प्रकाशन एवं राष्ट्रीय स्तर शोध संगोष्ठियों का आयोजन होता रहता है।

 हमारे विद्यालयो के कृषि विज्ञान के छात्रों के लिए 250 बीघा के4 कृषि फार्म है ।
होटल मैनेजमेंट के कोर्स शुरू करने के लिए चौपासनी गार्डन 20 कमरो के साथ विकसित किया गया है।
यहां पर आधुनिक तरणताल, स्टेडियम,मां चामुंडा का भव्य मंदिर है,मयूर चौपासनी स्कूल के आगे दिव्यपुरुष सर प्रताप की आदमकद मूर्ति लगी है।
मां चामुंडा एवं सर प्रताप के आशीर्वाद से भावी योजनाए::-
1.चौपासनी विश्वविधालय   बनाना।
2.नई शिक्षा नीति को  पूरा समझ स्कूलों में नवाचार करना।
3.बालिका शिक्षा को बढावा देने के लिए अलग बालिका विद्यालय एवं छात्रवास का निर्माण(माध्यम हिंदी अंग्रेजी दोनो हो)
4.चौपासनी विद्यालय में अंग्रेजी माध्यम से भी पढ़ाई होंगी।
5.कई रोजगारोन्मुखी कोर्स चलाये जाएंगे विशेष कृषि से संबंधित इजऱायल पैटर्न पर।
7.चौपासनी स्कूल लाइब्रेरी को आधुनिक सेंट्रल लाइब्रेरी के रूप में विकसित करना।
8.चौपासनी स्कूल में आधुनिक कम्प्यूटर लैब विकसित करना।
परिवर्तन के साथ हमारे संस्कारो को साथ रखकर प्रतियोगी युग मे हम सब सफल होंगे।
इस महान संस्थान के भूतपूर्व छात्रों एवं शुभचिंताको से प्रार्थना है आप साल में एक बार अवश्य पधारे इसके सभी आयामो का अवलोकन करें और अपने बहुमूल्य सुझाव शिक्षा समिति कार्यलय दिरावे ।
संस्थान को 80G मिला हुआ है।अपना यथायोग्य धन का सहयोग  दे।

मैने जो कुछ लिखा है वो 4 वर्ष टेलेंट विद्यार्थी के रूप में पढ़ाई(1978-81)व 10वर्ष(2010 से2020तक)गवर्निग काँसिल सदस्य एवं कार्यकारिणी सदस्य के रूप में सकारात्मक व स्वतंत्र सोच के साथ गिलहरी वाला सहयोग करते हुए अनुभव किया है।



 डॉ०प्रभुसिंह राठौड़, बुड़किया (B.Sc,M.A,B.Ed.,PhD in Pol.Science)
विकास अधिकारी(LIC), 
कार्यकारिणी सदस्य-चौपासनी शिक्षा समिति, जोधपुर।।

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