थोड़ा नहीँ खूब हसोला
जोधपुर में GPS शुरू हुयो । एक भा सा आप रे फोन में इनस्टॉल कियो ।
भा सा टेस्ट करण री सोची । भाटी सॉफ़्टी सू रवाना हुआ ।
फीड कियो जालोरी गेट सू चतुर्भुज री दूकान ।
जीपीएस ऑन ।
आवाज़ आई - भा सा 50 मीटर सीधा चालजो बाद में नाजरजी री बावड़ी री तरफ जीवणे हाथ कनी मुड़ जाईजो सा ।
भा सा चालता रेया, एकदम सीधा । मोड़ आयो जीपीएस बोलियो - हुकम जीवणे हाथ मुड़ जावो सा ।
भा सा नहीं मुड़िया । आगे चालता रेया । पुष्टिकर स्कूल आई । जीपीएस बोलियो - भा सा 20 मीटर बाद जाळप कनी जीवणे मुड़ जाइजो सा और एकदम सीधा चालजो बाद में ।
भा सा भेर नहीं मुड़िया, आगे चालता रेया ।
जीपीएस बोलियो - भा सा, ज़वरी बाजार आवे जरे बनिये बाड़े वाळे रास्ते जीवणा मुड़ जाईजो और बिस्सों रे चौक साइड चालजो ।
भा सा अनसुनी कर ने भेर आगे बढ़ गया । जीपीएस खीजियो ।
गुस्से में बोलियो - हमें खाण्डे फ़लसे सू भीमजी री हथाई कनी जीवणा मुड़ जाइजो नहीं तो आगे मैं बोलुला कोनी हो ।
भा सा रे की फरक कोनी पड़ियो ।
पिपळीया महादेव जी आया । न भा सा मुड़िया जीवणे कनी और न ही जीपीएस बोलियो ।
आखिर में भैरजी री हॉटेल पहला भा सा रुकिया, पॉन खायो और जीवणे हाथ कनी मुड़िया और ज्यूँ ही मोहनजी री दूकान पार की, जीपीएस खीजियोड़ो बोलियो ' भा सा, थोने खुद रे हिसाब सू इज अगर चालणो है तो म्होने किण वास्ते इंस्टॉल कियो बाळीयो हो, आगो डिलीट इज ठोक नोको नी ।
कायो कर नोकियो है।'
भा सा मंद मंद मुस्कुराया ने बोलिया ' जीपीएस भा, जोधपुर री गळीयों है, अठे थे कई थोरा पड़ दाजी आ जावे तो भी फेल इज हुई ।'